Is Rahu Mahadasha always give challenges and impediments? What good and bad can be expected? Get an Overal idea on Effects & Remedies of Rahu Mhadasha antardasha.
Rahu consistently gets famous consideration, yet an all-around set Rahu is fit for giving notoriety and position. If Rahu is present in the 3rd house, 6th house, 10th house, and the 11th house will give by and large certain outcomes during its Mahadasha. The Rahu in 10th house can give notoriety in the activity or work in unfamiliar nations. The Rahu in 11th house would give material securing from an unfamiliar land. On other hand, severely positioned Rahu in the horoscope can give ruin throughout everyday life. Particularly when Rahu is seriously beset by malefices like Mars or Saturn then it will give parcel of medical problems and emergency clinic visits. Rahu conjoined with Moon can give part of mental injury.
राहु की महादशा में राहु की अन्तर्दशा का फल (Rahu Mahadasha Rahu Antardasha)
विष और जल के कारण रोग हो। जातक को सर्प का दशन हो। दूसरे आदमी की स्त्री से संयोग हो । अपने किसी इष्टजन का वियोग हो । जातक कड़ी बोली बोले । और उसे दुष्टजनों के कारण कष्ट हो।
राहु की महादशा में बृहस्पति की अन्तर्दशा का फल: (Rahu MahaDasha Jupiter antardasha)
सुख की प्राप्ति हो, देवताओं, ब्राह्मणों का पूजन हो, शरीर में कोई रोग न रहे और सुन्दर नेत्र वाली स्त्रियों से समागम हो । विद्वत्ता के विचार-विनिमय और धार्मिक शास्त्रार्थ में समय व्यतीत हो। Rahu mahadasha Jupiter antardasha come with good results seldomly.
राहु की महादशा में शनि की अन्तर्दशा का फल: (Rahu Mahadasha Shani antardasha)
Rahu Mahadasha shani antardasha में अपनी स्त्री, पुत्रों और भाईयों से झगड़ा हो । जातक को पदच्युति हो और उसके नौकरों का नाश हो । शरीर में चोट लगे तथा वात और पित्त के कारण रोग हो।
राहु की महादशा में बुध की अन्तर्दशा का फल: (Rahu Mahadasha Mercury antardasha)
धन और पुत्र की प्राप्ति हो, मित्रों से समागम हो, मन में प्रसन्नता हो ।* जातक चातुर्य से कार्य करे । भूषण तथा कुशलता प्राप्त हो । संक्षेप में यह है कि राहु और बुध मित्र हैं और बुध से क्रिया कुशलता, चतुरता व्यापार आदि का विचार किया जाता है। इस कारण Rahu mahadasha Mercury antardasha में बुध से सम्बन्धित कार्यों में शुभता और वृद्धि लाती है।
राहु की महादशा में केतु की अन्तर्दशा का फल: (Rahu Mahadasha ketu antardasha)
Rahu Mahadasha Ketu antardasha में अशुभ फल होता है । अग्नि, ज्वर, शस्त्र और यात्रुओं से भय हो, सिर में रोग हो, शरीर में कम्प हो, जातक को विष और व्रण के कारण कष्ट हो। मित्रों से कलह हो और जातक के मित्रों और गुरु जनों को व्यथा हो।
राहु की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा का फल: (Rahu Mahadasha Venus antardasha)
Rahu Mahadasha Venus antardasha में स्त्री की प्राप्ति हो । स्त्री-सहवास का सुख हो। हाथी, घोड़े और जमीन की प्राप्ति हो या इनका उपभोग प्राप्त हो । किन्तु अपने आदमियों से विरोध हो और जातक को वात और कफ के कारण रोग हो।
राहु की महादशा में सूर्य के अन्तर का फल: (Rahu Mahadasha Sun antardasha)
शत्रु से पीड़ा हो, अनेक आपत्तियां आवें विष और अग्नि से पीड़ा हो। वस्त्र से चोट लगे । और जातक के नेत्रों को अति पीड़ा हो। जातक को राजा या सरकार से महान् भय उपस्थित हो और उसकी स्त्री तथा पुत्र को भी कष्ट हो । राहु और सूर्य शत्रु हैं। इस कारण यह Rahu mahadasha Sun antardasha इतना अशुभ प्रभाव दिखाती है।
राहु की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा का फल: (Rahu Mahadasha Moon antardasha)
Rahu Mahadasha moon antardasha के वक़्त स्त्री का विनाश हो, लोगों से कलह हो । मन को सन्ताप हो, मित्रों पर विपत्ति पड़े । जल से भय हो । कृषि, धन, पशु और सन्तान की हानि हो।
राहु की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा का फल: (Rahu Mahadasha Mars Antardasha)
Rahu Mahadasha Mars antardasha के समय राजा, अग्नि, चोर और अस्त्र से भय हो या तो जातक का शरीर नाश हो जाये या मानस रोग हो । नेत्रों को पीड़ा हो, हृदय रोग (Heart trouble) हो और जातक अपने पद से भ्रष्ट हो जाये । अर्थात् स्थान हानि का भय हो।
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